SADHU AUR SUNDARI
साधु और सुंदरी विशुद्ध हास्य नाटक है जिसमें चेला होता है जो भोजन के लालच में साधु बन जाता है परंतु उसे सदमार्ग पर लाने के लिए गुरु प्रेरित करते हैं लेकिन चेला अपने मूर्खतापूर्ण क्रियाकलाप और संवादों से हास्य उत्पन्न करता है इतने में एक सुंदरी आती है जिस पर चेला मोहित हो जाता